मृत्यु के बाद आधार कार्ड को ऐसे करें रद्द: आज के डिजिटल युग में आधार कार्ड भारतीय नागरिकों की सबसे महत्वपूर्ण पहचान बन गया है। यह न केवल सरकारी योजनाओं तक पहुंच प्रदान करता है, बल्कि बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और अन्य सेवाओं से भी जुड़ा होता है। लेकिन जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसका आधार कार्ड रद्द करना बेहद जरूरी हो जाता है ताकि उसकी पहचान का गलत इस्तेमाल न हो सके।
हाल ही में UIDAI (यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने इस प्रक्रिया को और सरल बनाने की दिशा में कदम उठाए हैं, ताकि परिवार के सदस्यों को परेशानी न हो। यह लेख आपको बताएगा कि मृत्यु के बाद आधार कार्ड को कैसे रद्द किया जाए, साथ ही इसमें कुछ नई जानकारियां और सुझाव भी शामिल हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं।
UIDAI के अनुसार, अभी तक मृत व्यक्तियों के आधार नंबर को स्वचालित रूप से रद्द करने का कोई सिस्टम पूरी तरह लागू नहीं हुआ है। हालांकि, पिछले 14 वर्षों में करीब 11.7 करोड़ लोगों की मृत्यु होने के बावजूद केवल 1.15 करोड़ आधार नंबर ही निष्क्रिय किए गए हैं,
जो इस प्रक्रिया में सुधार की जरूरत को दर्शाता है। इस लेख में हम आपको चरण-दर-चरण प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेजों, और कुछ अतिरिक्त सावधानियों के बारे में बताएंगे ताकि आप इस प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकें।
आधार कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया
मृत्यु के बाद आधार कार्ड को रद्द करने के लिए परिवार के सदस्यों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
- मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करें: सबसे पहले, स्थानीय नगर निगम या ग्राम पंचायत से मृत व्यक्ति का आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करें। यह प्रक्रिया का आधार होगा।
- UIDAI से संपर्क करें: आप UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट (uidai.gov.in) पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं या निकटतम आधार सेवा केंद्र (Aadhaar Seva Kendra) पर जा सकते हैं।
- आवेदन जमा करें: मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति, अपने पहचान पत्र (जैसे अपना आधार कार्ड), और मृत व्यक्ति के आधार नंबर के साथ एक लिखित आवेदन जमा करें। आवेदन में मृत्यु की तारीख और कारण का उल्लेख करना जरूरी है।
- सत्यापन प्रक्रिया: UIDAI आपके दस्तावेजों की जांच करेगा और कुछ मामलों में स्थानीय अधिकारियों से सत्यापन करवाया जा सकता है।
- रद्द करने की पुष्टि: प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको एक पुष्टिकरण संदेश या पत्र मिलेगा, जिसमें आधार नंबर निष्क्रिय होने की जानकारी होगी।
हालांकि, यह प्रक्रिया अभी मैनुअल है और इसमें समय लग सकता है। UIDAI ने हाल ही में घोषणा की है कि वह मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ आधार डेटाबेस को जोड़ने की योजना बना रहा है, जिससे भविष्य में यह प्रक्रिया ऑटोमेटिक हो सकेगी।
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जरूरी दस्तावेज और विशेषताएं
नीचे दी गई तालिका में आधार रद्द करने के लिए जरूरी दस्तावेज और उनकी विशेषताओं का विवरण दिया गया है:
दस्तावेज/विशेषता | विवरण |
---|---|
मृत्यु प्रमाण पत्र | आधिकारिक मृत्यु प्रमाण पत्र, जो नगर निगम या पंचायत द्वारा जारी किया गया हो। |
आवेदक का पहचान पत्र | आवेदक का आधार कार्ड, वोटर आईडी, या पासपोर्ट, जो संबंध साबित करे। |
मृत व्यक्ति का आधार नंबर | मृत व्यक्ति के आधार कार्ड की प्रति या नंबर, जो रद्द करने के लिए जरूरी है। |
रिश्ते का प्रमाण | जन्म प्रमाण पत्र या राशन कार्ड, जो मृत व्यक्ति के साथ रिश्ते को साबित करे। |
ऑनलाइन ट्रैकिंग | UIDAI वेबसाइट पर शिकायत संख्या के माध्यम से प्रक्रिया की स्थिति चेक की जा सकती है। |
अतिरिक्त सुझाव और सावधानियां
- सभी जुड़ी सेवाओं की सूचना दें: मृत व्यक्ति का आधार नंबर बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ा हो सकता है। इन संस्थानों को तुरंत सूचित करें ताकि आगे की जटिलताएं न हों।
- डेटा सुरक्षा: आधार रद्द होने तक, परिवार के सदस्यों को मृत व्यक्ति के बायोमेट्रिक डेटा को लॉक करने के लिए UIDAI से संपर्क करना चाहिए, जिससे उसका दुरुपयोग रोका जा सके।
- नया फीचर: UIDAI ने हाल ही में एक हेल्पलाइन नंबर (1947) शुरू किया है, जहां आप मृत्यु के बाद की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ले सकते हैं। यह सेवा 24×7 उपलब्ध है और कई क्षेत्रीय भाषाओं में सपोर्ट प्रदान करती है।
भविष्य में बदलाव की संभावना

UIDAI के हालिया बयानों के अनुसार, सरकार जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में संशोधन की योजना बना रही है। इस संशोधन के तहत मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते समय मृत व्यक्ति का आधार नंबर जोड़ा जाएगा, जिससे आधार रद्द करने की प्रक्रिया स्वचालित हो सकेगी।
यह कदम न केवल समय बचाएगा, बल्कि डेटाबेस की सटीकता को भी बढ़ाएगा। इसके अलावा, आने वाले समय में एक मोबाइल ऐप लॉन्च होने की संभावना है, जो परिवारों को घर बैठे इस प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
1. क्या मृत्यु के बाद आधार कार्ड अपने आप रद्द हो जाता है?
नहीं, अभी तक आधार कार्ड स्वचालित रूप से रद्द नहीं होता। इसके लिए परिवार को UIDAI से संपर्क करना पड़ता है।
2. मृत्यु प्रमाण पत्र के बिना आधार रद्द हो सकता है?
नहीं, मृत्यु प्रमाण पत्र के बिना आधार रद्द करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।
3. क्या आधार रद्द करने के लिए कोई शुल्क लगता है?
नहीं, यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क है, बशर्ते सभी दस्तावेज सही हों।
4. अगर आधार रद्द न किया जाए तो क्या होगा?
अगर आधार रद्द न किया जाए, तो उसका गलत इस्तेमाल हो सकता है, जैसे कि फर्जी लेनदेन या सरकारी लाभों का दुरुपयोग।
5. प्रक्रिया में कितना समय लग सकता है?
यह दस्तावेजों के सत्यापन और UIDAI की प्रक्रिया पर निर्भर करता है, जो आमतौर पर 15-30 दिन ले सकता है।
निष्कर्ष
मृत्यु के बाद आधार कार्ड रद्द करना न केवल कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि परिवार की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। UIDAI द्वारा शुरू की गई नई सुविधाएं, जैसे हेल्पलाइन और भविष्य में स्वचालित प्रक्रिया, इस प्रक्रिया को और आसान बनाएंगी।
अगर आप इस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं, तो सही दस्तावेजों के साथ UIDAI से संपर्क करें और अपने अधिकारों का लाभ उठाएं। क्या आपके पास इस बारे में कोई सवाल है? हमें नीचे कमेंट में बताएं, हम आपकी मदद के लिए तैयार हैं!
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